जीवन बचाने के लिए बेहतर एडीआर निगरानी आवश्यक

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-मंगलायतन विश्वविद्यालय में फार्माकोविजिलेंस सप्ताह का हुआ समापन
मंगलायतन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फार्मेसी, मंगलायतन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च व डिपार्टमेंट आॅफ फार्मेसी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह मनाया जा रहा है। बुधवार धूमधाम से फार्मासिस्ट दिवस मनाते हुए साप्ताहिक कार्यक्रम का समापन हुआ। इस दौरान विद्यार्थियों एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का विषय रोगी सुरक्षा के लिए एडीआर रिपोर्टिंग संस्कृति का निर्माण था।


मुख्य वक्ता एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया निगरानी केंद्र के सह समन्वयक डा. इरफान अहमद खान ने बताया कि एडीआर वह प्रभाव है जो चिकित्सक द्वारा रोगी के लाभ के लिए निर्धारित किसी भी दवा का हानिकारक और अवांछनीय है। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के लिए उन्हें तुरंत पहचाना जाना चाहिए और समय पर इलाज किया जाना चाहिए। वहीं, भारतीय फार्माकोपियल आयोग के वैज्ञानिक सहायक डा. आरएस रे ने वर्चुअल माध्यम से विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव से कैसे बचें इस संबंध में विस्तार से चर्चा की। प्राचार्य डा. अब्दुल वदूद सिद्दीकी ने स्वागत भाषण दिया। डा. राहुल कुमार ने आभार व्यक्त किया। समन्वयक डा. निशांत सिंह कटियार रहे। रंगोली, पोस्टर व क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डा. फवाद खुर्शीद, डा. शोभित सिंह, डा. बृजेश शर्मा, चंद्रकांत तिवारी, सुशांत शर्मा, शुभम शर्मा, यादवेंद्र ठेनुआ, राजकुमार, नेहा, प्रियांशी, देवेंद्र आदि थे।

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